सोमवार 25 अगस्त 2025 - 14:21
ईरान के इल्मी व दीनी नेतृत्व का ग़ज़्ज़ा के मामले में रुख; न्याय, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा की मांगों के अनुरूप है

हौज़ा / हौज़ा इल्मिया ईरान के प्रमुख ने इस्लामी देशों के प्रमुख उलेमा के नाम अपने खतों में लिखा कि उलेमा से मांग की गई है कि वे ज़ालिम तागूत को चुनौती दें, मज़लूमों की भूख की फ्रिर करें और इस्लामी सरकारें आवाज़ उठाएं ताकि उम्मत-ए-इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय संस्थान इज़राईली नाकेबंदी तोड़ने और जरूरी मदद पहुँचाने के लिए तुरंत कदम उठाएं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हौज़ा एल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने कुछ प्रमुख हस्तियों और प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वानों को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया,मैं सियोनियों के युद्ध अपराधों से दुखी हृदय और इस्लामी भाईचारे से परिपूर्ण आत्मा के साथ यह पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।

इन्हीं प्रतिष्ठित हस्तियों में से एक जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान के अमीर मौलाना फज़लुर रहमान भी थे जिन्होंने हौज़ा एल्मिया के प्रमुख के पत्र का जवाब दिया। पत्र का पाठ निम्नलिखित है:

जनाब अली रज़ा अराफी प्रमुख, हौज़ा एल्मिया, जमहूरी-ए-इस्लामी ईरान
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू

आपका हार्दिक और भ्रातृत्वपूर्ण पत्र प्राप्त हुआ, जिसके लिए मैं आपका दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।

फिलिस्तीन और गाज़ा के लोगों के समर्थन में आपकी भावनाएं अत्यंत प्रशंसनीय और सराहनीय हैं। हमारा यह मानना है कि फिलिस्तीन का मामला केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरी मुस्लिम उम्माह का धार्मिक, नैतिक और मानवीय मुद्दा है, जिसके समाधान के लिए दुनिया भर के विद्वानों, बुद्धिजीवियों, शैक्षणिक केंद्रों और इस्लामी आंदोलनों का एकजुट होना आवश्यक है।

आपके पत्र में जिन कुरआनी शिक्षाओं की ओर संकेत किया गया है, वे हम सभी के लिए मार्गदर्शन का स्रोत हैं। हमें खुशी है कि जमहूरी-ए-इस्लामी ईरान की धार्मिक और बौद्धिक नेतृत्व की स्थिति न्याय, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा की आवश्यकताओं के अनुरूप है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गाज़ा के उत्पीड़ित लोगों के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए आपकी अपील का हम पूरी तरह से समर्थन करते हैं और आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम किसी भी संभव सहयोग में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

इस अवसर पर हम दुनिया भर के मुस्लिम देशों, अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक और विचारशील संस्थानों और सभी स्वतंत्रता-प्रेमी राष्ट्रों से भी अपील करते हैं कि वे गाजा के लोगों की घेराबंदी को समाप्त करने के लिए व्यावहारिक सहयोग और नैतिक समर्थन को अपना धार्मिक और मानवीय कर्तव्य समझें। समय की मांग है कि मुस्लिम उम्माह आपसी एकता और संगठन के साथ इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाए, ताकि पहले किब्ला (मस्जिद-ए-अक्सा) की आज़ादी की लड़ाई सफल हो सके।

अल्लाह तआला हमें सत्य का समर्थन करने, उत्पीड़ितों की सहायता करने और मुस्लिम उम्माह की एकता में प्रभावी भूमिका निभाने की तौफीक प्रदान करे। आमीन

वस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू

फज़लुर रहमान
अमीर, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान

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